पूरी दुनिया से कई लोग दुसरे देशो में जाकर रोज़ी रोटी कमाना चाहते अथवा बेहतर जीवन शैली के लिए दुसरे देशो में जाकर बसना चाहते है लेकिन किसी को पता नहीं की उनकी यह चाहत कब पूरी होगी ! क्या हम किसी तरह से यह जान सकते है हमारे जीवन में विदेश यात्रा है या नहीं? आज मै आपके सामने ज्योतिष से सम्बंधित कुछ ऐसे तथ्य रखूँगा जिनके दवारा हम जान सकेंगे की हमारे जीवन में विदेश यात्रा संभव है या नहीं?
दोस्तों यदि हम विदेश जाना चाहते है तो प्लानिंग करने से पहले यह जान लेना अतिआवश्यक है की क्या हमारी कुंडली में विदेश योग है अथवा नहीं ! क्योकि यदि हमारी कुंडली में स्थित गृह हमें विदेश यात्रा का योग प्रदान नहीं करते तो विदेश जाने के प्रयासों में हमारा अमूल्य समय और धन खर्च हो जाता है, तो विदेश की प्लानिंग करने से पहले हमें किसी अनुभवी ज्योतिषी द्वारा कुंडली का निरिक्षण करवाकर यह निश्चित कर लेना चाहिए की हमारी कुंडली में विदेश में बसने अथवा काम करने के योग स्थित हो अन्यथा विदेश जाने में अडचने अथवा विदेश जाकर नाकामयाबी प्राप्त होती है !
चलो आज हम कुंडली के विदेश सम्बन्धी कुछ महत्वपूर्ण योगो को जानने की कोशिश करते है !
सबसे पहले हम लग्न और लग्न के स्वामी की बात करेंगे ! दोस्तों यदि लग्न मजबूत हो और लग्न का स्वामी कुंडली के सातवे, तीसरे, नौवे या बारहवे भाव से सम्बन्ध स्थापित करे तो यह कुंडली में स्थित एक विदेश योग होता है ! इस स्थिति में यदि लग्न की दशा या अन्तर्दशा हो तो विदेश यात्रा हो सकती है !
कुंडली के सातवे, आठवे, नौवे और बारहवे भाव तथा इनके स्वामियों का सीधा सम्बन्ध विदेश यात्रा से होता है ! यदि इन भावो के स्वामी अनुकूल स्थिति में हो तो अपनी दशाओं में विदेश यात्रा दे सकते है ! यदि यह गृह कमजोर स्थिति में हो तो इनसे सम्बंधित रत्न धारण और उपाय करने चाहिए !
किसी जातक की कुंडली में विदेश यात्रा के लिए तीसरा और चौथा भाव तथा इनके स्वामी का भी अत्यधिक योगदान होता है ! चौथे भाव तथा इसके स्वामी यदि निर्बल हो तो विदेश यात्रा के लिए सहायक होती है और तीसरे भाव के स्वामी की दशा में जातक अपने मात्री स्थान से दूर हो सकता है इसका परिणाम विदेश यात्रा भी हो सकती है ! तो यदि आप विदेश जाना चाहते है तो पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से अपनी कुंडली में स्थित विदेश योग की जाच अवश्य करवाए ताकि आपके अमूल्य समय और धन की बर्बादी न हो !
लेखक
ज्योतिषी सुनील कुमार