वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य कुंडली के पहले भाव में क्या फल प्रदान करता है तथा उसके मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ते है ?
सूर्य की पहले भाव में स्थिति से व्यक्ति स्वाभिमानी और क्रोधी होता है, वह वात – पित के रोगों से ग्रसित हो सकता है, चंचल, प्रवासी और बुधिमान होता है परन्तु सूर्य की इस स्थिति के कारण वैवाहिक जीवन में कलह होता रहता है क्योकि व्यक्ति स्वाभिमानी होने के कारण किसी के आगे झुकता नहीं फिर चाहे उसका जीवन साथी ही क्यों न हो ! यदि सूर्य उच्च राशी का हो तो व्यक्ति समाज में सम्मानित, धनवान तथा व्ख्यात नेता हो सकता है !
नोट :- उपरोक्त लिखे गए सूर्य के बारह भावो के फल वैदिक ज्योतिष और शास्त्रों के आधार पर लिखे गए है ! कुंडली के बारह लग्नो के आधार पर सूर्य के भाव फल में विभिन्नता हो सकती है !
लेखक
ज्योतिषी सुनील कुमार
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