सूर्य द्वादश भाव में

सूर्य द्वादश भाव में

सूर्य द्वादश भाव में अशुभ फल अधिक देता है। जातक नेत्र रोगी होता है, सूर्य यदि अधिक पाप प्रभाव में हो तो जातक की आँखे बचपन से ही खराब होती है, विशेषकर बाएं नेत्र में अधिक समस्या होती है। सूर्य द्वादश स्थान से शत्रु स्थान पर दृष्टि के कारण जातक के पिता के साथ मतभेद … Read more

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सूर्य पहले भाव में जातक को स्वाभिमानी और क्रोधी बनाता है, जातक को छोटी छोटी बात पर क्रोध आना एक Read more

सूर्य द्वित्तीय भाव में
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सूर्य दूसरे भाव में होने पर जातक धनवान और भाग्यवान बनता है। क्योकि कुंडली का दूसरा भाव धन भाव होता है Read more

सूर्य तृत्तीय भाव में
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सूर्य तीसरे भाव में – सूर्य तीसरे भाव में व्यक्ति बहुत पराकर्मी बनता है। व्यक्ति को राज्य में सम्मान प्राप्त Read more

सूर्य चतुर्थ भाव में
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सूर्य चौथे भाव में – सूर्य चतुर्थ भाव में अधिकतर अशुभ फल प्रदान करता है। जातक सुन्दर और हृदय से Read more

सूर्य पंचम भाव में
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सूर्य पाचवे भाव में – सूर्य पंचम भाव में जातक को अल्प सन्तत्तिवान अथवा संतानहीन बना सकता है। विशेषकर यदि Read more

सूर्य छटे भाव में
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सूर्य छटे भाव में – सूर्य छटे भाव में व्यक्ति को शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला बनाता है। कुंडली का Read more

सूर्य एकादश भाव में

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सूर्य एकादश भाव में कष्टकारी होता है। संतान सुख में कमी अथवा सम्पति में कमी करवाता है। यदि सूर्य पर गुरु का प्रभाव अथवा बलि सूर्य होने की अवस्था में अवश्य लाभ प्राप्त होते है अन्यथा सूर्य एकादश भाव में जातक को अवश्य ही कठनाइयों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर स्त्री कुंडली में सूर्य … Read more

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सूर्य चतुर्थ भाव में
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सूर्य छटे भाव में
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सूर्य दशम भाव में

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सूर्य दसवे भाव में – सूर्य दशम भाव में दिग्बल प्राप्त करता है। यदि सूर्य कुंडली के दसवे भाव में स्थित हो तो जातक को अत्यधिक सम्मान प्राप्त होता है। क्योकि कुंडली का दसवा भाव मान सम्मान को दर्शाता है। जातक ऐश्वर्यशाली और राज्य से लाभ प्राप्त करता है। सूर्य दशम भाव में चिकित्सा के … Read more

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सूर्य नवम भाव में

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सूर्य नौवे भाव में – यदि कुंडली के नौवें भाव में शुभ सूर्य की स्थिति हो तो सूर्य शुभ फलों की प्राप्ति करवाता है। ऐसा जातक धर्म के कामो में रूचि अवश्य रखता है और ऐसा जातक एक महान तपस्वी अथवा योगी बनता है। सूर्य नवम भाव में जातक को ख्याति अवश्य देता है। ऐसे … Read more

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सूर्य छटे भाव में
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सूर्य अष्टम भाव में

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सूर्य आठवे भाव में – सूर्य अष्टम भाव में अधिकतर अशुभ फल प्रदान करता है। ऐसा जातक अतिक्रोधी होता है, किसी भी बात के लिए धैर्य नहीं रखता हर काम में बहुत जल्दी करता है। सूर्य आठवे भाव में जातक को आँख, पित्त एवं गुदा सम्बंधित रोग देता है। यदि सूर्य आठवें भाव में किसी … Read more

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सूर्य सप्तम भाव में

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सूर्य सातवे भाव में – सूर्य सप्तम भाव में वैवाहिक जीवन के लिए कष्टकारी होता है। सूर्य यहाँ पर वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्त्पन्न करता है, पति व् पत्नी में हमेशा मतभेद रहते है सूर्य सातवे भाव में और सामन्यता इसका कारण पति अथवा पत्नी का अहंकार होता है। सूर्य एक अहंकारी गृह होता है … Read more

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