द्वादश (व्यय भाव)- इस भाव में गुरु के अशुभ फल ही मिलते हैं। वैसे भी यह व्यय भाव कहलाता है। इस भाव में गुरु के प्रभाव से जातक समाज में अपमानित होता है। संतानहीन, दुष्कर्मों में लिप्त, आलसी, निम्न स्तर की नौकरी करने वाला होता है। इस योग में यदि चतुर्थ भाव एवं चन्द्र दोनों […]