केतु बारहवें भाव में जातक को मिले जुले फल प्रदान करता है। जिसमें जातक चंचल परन्तु चतुर बुद्धि, धूर्त प्रवृत्ति का होता है। यदि केतु अशुभ प्रभाव में हो तो जातक जनता को भूत-प्रेत या अलौकिक शक्तिओं के माध्यम से अथवा भय दिखाकर ठगने वाला होता है, जबकि उसके पास ऐसी कोई सीधी नहीं होती। […]
सप्तम (जीवनसाथी भाव)इस भाव में केतू वृश्चिक राशि में तो थोड़े-बहुतत शुभ फल तथा अन्य राशि में तो बहुत ही अशुभ फल देता है जिसमें जातक मूर्ख, मन्दबुद्धि, डरपोक, सुख से दूर, अपने वैवाहिक जीवन सेदुःखी, कर्कश स्वभाव वाला तथा अत्यन्त कामी होता है। जीवनसाथी भी अवैध रिश्तों में विश्वास करने वाला होता है। ऐसा […]