द्वादश (व्यय भाव)- इस भाव में शुक्र के अन्य ग्रहों की अपेक्षा अधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस भाव में भी शुक्र के शुभ फल का मुख्य कारण यह होता है कि जैसा ज्योतिष का नियम है कि जो भी ग्रह व्यय भाव अर्थात् इस भाव में बैठेगा तो वह अपने कारक फल का […]
एकादश (आय भाव)- इस भाव में शुक्र शुभ फल अधिक देता है जो आर्थिक क्षेत्र में अधिक शुभ हो जाते हैं। जातक भाग्यवान, स्थिर लक्ष्मी का स्वामी, रत्नों व सफेद वस्तुओं से लाभ प्राप्त करने वाला, विलासी प्रवृत्ति, वाहनसुखी, गुणवान, ज्ञानवान, संगीत व फिल्मों का शौकीन व पुत्र सन्तति से युक्त होता है। ऐसे जातक […]
नवम (धर्म व भाग् भाव)- इस भाव में शुक्र के प्रभाव से जातक दयालु प्रवृत्ति का, तपस्वी, ईश्वर पर विश्वास, गृह सुखी, राज्य में सम्मान प्राप्त, गुणवान तथा कई तीर्थयात्रा तथा लम्बी विदेश यात्रा करने वाला होता है। विदेशों में कलात्मक अथवा साहित्यिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।ऐसे जातक का विवाह परदेसवासी से होता […]