जन्मकुंडली का दूसरा भाव धन, वाणी, परिवार, मूल्य, संचित संपत्ति और प्रारंभिक शिक्षा का प्रतिनिधित्व करता है। जब सूर्य इस भाव में स्थित होता है, तो यह इन सभी क्षेत्रों पर अपनी तेजस्वी और प्रभावशाली छाप छोड़ता है। सूर्य आत्मविश्वास, अधिकार, सम्मान और अग्नि तत्व का ग्रह है, इसलिए इसका प्रभाव दूसरे भाव को काफी मजबूत और कभी-कभी चुनौतीपूर्ण भी बनाता है। व्यक्तित्व और वाणी का प्रभाव दूसरे भाव का सूर्य व्यक्ति की वाणी में दम, अधिकार और प्रभाव पैदा करता है। ऐसे लोग बोलते कम हैं लेकिन प्रभावी बोलते हैं। उनकी आवाज़ में शक्ति और स्पष्टता देखी जाती है।कभी-कभी…