• चंद्रमा

    चंद्रमा तृतीय भाव में

    वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा मन, भावनाओं, संवेदनशीलता और मानसिक प्रवृत्ति का प्रतीक है। तृतीय भाव साहस, पराक्रम, संवाद, लेखन, छोटे भाई बहन, प्रयास और दैनिक मेहनत से जुड़ा होता है। जब चंद्रमा तृतीय भाव में स्थित होता है तो व्यक्ति का मन लगातार सक्रिय रहता है और वह अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए बेचैन रहता है। ऐसा व्यक्ति बोलने, लिखने और अपनी बात रखने में सहज होता है। उसकी सोच भावनात्मक जरूर होती है लेकिन उसमें रचनात्मकता भी होती है। वह अपनी भावनाओं को शब्दों के माध्यम से बाहर निकालना चाहता है। इसी कारण लेखन, मीडिया,…