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    चंद्रमा द्वादश भाव में

    वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा मन, भावनाओं, कल्पनाशक्ति और अवचेतन का प्रतीक ग्रह है। द्वादश भाव त्याग, खर्च, एकांत, विदेश, नींद, मोक्ष और आंतरिक संसार से जुड़ा होता है। जब चंद्रमा द्वादश भाव में स्थित होता है तो व्यक्ति का मन बाहरी दुनिया से अधिक भीतर की दुनिया में रहने लगता है। ऐसा व्यक्ति स्वभाव से अंतर्मुखी और संवेदनशील होता है। वह भीड़ से दूर रहकर अकेले में सोचने, महसूस करने और समझने में अधिक सहजता पाता है। उसका मन अक्सर कल्पनाओं, स्मृतियों और गहरे भावनात्मक अनुभवों में डूबा रहता है। इस स्थिति में खर्च का संबंध भी मन से जुड़ा…