• चंद्रमा

    चंद्रमा द्वितीय भाव में

    वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन, भावनाओं, संवेदनशीलता, माता और मानसिक स्थिति का प्रतीक माना जाता है। द्वितीय भाव धन, परिवार, वाणी, भोजन और संस्कारों से जुड़ा होता है। जब चंद्रमा द्वितीय भाव में स्थित होता है तो व्यक्ति का मन सीधे इन विषयों से जुड़ जाता है। ऐसा व्यक्ति अपने परिवार और आर्थिक स्थिति को लेकर बहुत भावनात्मक होता है और इन्हीं बातों से उसकी मानसिक शांति या अशांति तय होती है। इस स्थिति में व्यक्ति की वाणी में भावनाएँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। वह जो भी बोलता है उसमें दिल शामिल होता है। ऐसे लोग मधुर…