• चंद्रमा

    चंद्रमा षष्ठ भाव में

    वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा मन, भावनाओं और मानसिक स्थिति का कारक ग्रह है। षष्ठ भाव रोग, ऋण, शत्रु, सेवा, संघर्ष और दैनिक जीवन की जिम्मेदारियों से जुड़ा होता है। जब चंद्रमा षष्ठ भाव में स्थित होता है तो व्यक्ति का मन लगातार संघर्ष और समाधान की स्थिति में रहता है। ऐसा व्यक्ति जीवन की चुनौतियों से भावनात्मक रूप से जूझता है और समस्याओं को दिल से महसूस करता है। इस स्थिति में व्यक्ति सेवा भाव वाला होता है। वह दूसरों की मदद करने में मानसिक संतोष महसूस करता है और कठिन परिस्थितियों में भी जिम्मेदारी उठाने से पीछे नहीं हटता।…