• सूर्य

    सूर्य छटे भाव में

    जन्मकुंडली का छठा भाव ऋण, रोग, शत्रु, प्रतियोगिता, संघर्ष, सेवा, नौकरी, अनुशासन, कार्यस्थल और मानसिक दृढ़ता का प्रतिनिधि है। सूर्य जब इस भाव में आता है, तो जातक के जीवन में संघर्ष, चुनौतियाँ और आत्मशक्ति दोनों को बढ़ाता है। यह स्थिति व्यक्ति को मजबूत बनाती है, परंतु कुछ क्षेत्रों में कठोर अनुभव भी दे सकती है। कार्यस्थल और नौकरी छठे भाव में सूर्य वाला व्यक्ति मेहनती, अनुशासित और जिम्मेदार स्वभाव का होता है।नौकरी या सर्विस सेक्टर में इसे सफलता जरूर मिलती है क्योंकि सूर्य यहाँ संघर्षों को जीतने की शक्ति देता है।ऐसे जातकसरकारी नौकरीप्रशासनिक पदपुलिस, सेना, सुरक्षा सेवाएँचिकित्साकानूनन्यायालयया किसी भी…