• सूर्य

    सूर्य तीसरे भाव में

    जन्मकुंडली में तीसरा भाव पराक्रम, साहस, आत्मविश्वास, भाई–बहन, संचार कौशल, मेहनत, यात्रा और कौशलों का प्रतिनिधि माना जाता है। सूर्य जब इस भाव में स्थित होता है, तो व्यक्ति के स्वभाव, कार्यशैली और जीवन की दिशा पर गहरा प्रभाव डालता है। तीसरा भाव साहस और प्रयास का घर है, इसलिए यहाँ सूर्य की उपस्थिति व्यक्ति को ऊर्जावान, महत्वाकांक्षी और कर्मप्रधान बनाती है। व्यक्तित्व और साहस तीसरे भाव में सूर्य वाले व्यक्ति बेहद साहसी, आत्मविश्वासी और जोखिम लेने वाले होते हैं। इनके अंदर अपनी पहचान बनाने और अलग दिखने की तीव्र इच्छा रहती है।ऐसे जातक अपने प्रयासों से आगे बढ़ना पसंद…