जन्मकुंडली का पाँचवाँ भाव बुद्धि, संतान, रचनात्मकता, प्रेम संबंध, शिक्षा, भाग्य, प्राचीन ज्ञान और पूर्व जन्म के कर्मों का प्रतिनिधि होता है। इस भाव में सूर्य का बैठना व्यक्ति के जीवन में तेजस्विता, बुद्धिमत्ता और विशिष्टता लेकर आता है। सूर्य यहाँ अपने श्रेष्ठ रूप में माना जाता है और जीवन के कई क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देता है, हालाँकि कुछ चुनौतियाँ भी मौजूद रहती हैं। बुद्धि, ज्ञान और रचनात्मकता पाँचवें भाव में सूर्य वाले व्यक्ति तेज दिमाग, विश्लेषण क्षमता और नेतृत्व गुण के धनी होते हैं।इनकी निर्णय लेने की क्षमता मजबूत होती है और शिक्षा के क्षेत्र में यह लोग…