बारहवाँ भाव हानि, व्यय, विदेश, एकांत, मोक्ष, आध्यात्मिकता, अस्पताल, आश्रम, त्याग और अवचेतन मन का क्षेत्र माना जाता है। जब सूर्य इस भाव में स्थित होता है, तब यह व्यक्ति को जीवन की गहराइयों, आध्यात्मिक मार्ग और भीतर की दुनिया से जोड़ता है। सूर्य यहाँ रहस्यमयी, अंतर्मुखी और कभी-कभी खर्च बढ़ाने वाले प्रभाव भी देता है। स्वभाव और व्यक्तित्व ऐसे व्यक्ति अंतर्मुखी, संवेदनशील, कल्पनाशील और गहरे विचारों वाले होते हैं। कई बार यह लोग अपनी भावनाएँ खुलकर व्यक्त नहीं कर पाते और अपने भीतर एक अलग दुनिया बनाकर रखते हैं। अकेले रहना पसंद करना, शांत वातावरण की चाह और गुप्त…